दिल्ली में पुरानी गाड़ियों पर बैन को लेकर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार और बीजेपी पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने इस फैसले को “बड़ी साजिश” बताते हुए आरोप लगाया कि यह कदम ऑटोमोबाइल कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए उठाया गया है, जिससे 61 लाख मिडिल क्लास परिवारों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा।
सिसोदिया का कहना है कि दिल्ली में लाखों पुरानी गाड़ियां हैं जो अभी भी अच्छी हालत में हैं और प्रदूषण नहीं फैलातीं। इसके बावजूद सरकार इन गाड़ियों को सड़क से हटाकर लोगों को नई गाड़ी खरीदने के लिए मजबूर कर रही है। “बीजेपी और ऑटो कंपनियों के बीच मिलीभगत है, और इसका सीधा नुकसान आम आदमी को हो रहा है,” उन्होंने कहा।
उन्होंने केंद्र की कार्यप्रणाली की तुलना फुलेरा की पंचायत से करते हुए कहा कि यह सरकार साम, दाम, दंड, भेद और साजिशों के जरिए लोगों को लूटने में लगी है। खासकर वरिष्ठ नागरिकों की स्थिति पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि बुजुर्ग जिनकी गाड़ियां हफ्ते में केवल दो-चार दिन चलती हैं, उन्हें भी नई गाड़ी खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
सिसोदिया ने सरकार से मांग की कि पेट्रोल पंपों पर 10 साल पुरानी पेट्रोल और 15 साल पुरानी डीजल गाड़ियों को ईंधन न देने का आदेश तुरंत वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि यह फैसला जनविरोधी है और इससे सिर्फ वाहन निर्माता कंपनियां, स्क्रैप डीलर और नंबर प्लेट बनाने वाली कंपनियां ही फायदे में रहेंगी।