आमापारा बालोद में स्नेह मिलन : दादी प्रकाशमनी की 18वीं पुण्यतिथि पर विश्व बंधुत्व दिवस का आयोजन
बालोद :– प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय,आत्मज्ञान भवन आमापारा बालोद में रविवार को स्नेह मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन संस्थान की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमनी की 18वीं पुण्यतिथि के अवसर पर हुआ। पूरे भारतवर्ष में इस दिन को विश्व बंधुत्व दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ शांत वातावरण में दीप प्रज्वलन और राजयोग ध्यान से हुआ। उपस्थित अतिथियों और ब्रह्माकुमारी बहनों ने दादी प्रकाशमनी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। वातावरण आध्यात्मिक भावनाओं और भाईचारे की ऊर्जा से परिपूर्ण रहा।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में संस्था की संचालिका बीके विजयलक्ष्मी बहन ने दादी प्रकाशमनी के योगदान और शिक्षाओं पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहां की उन्होंने संपूर्ण मानव कल्याण के लिए कार्य करते हुए भारत के विश्व पटल पर एक नई ऊंचाई प्रदान की है उन्हें संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा शांति दूत से भी सम्मानित किया गया है।
उन्होंने बताया कि 25 तारीख को विश्व बंधुत्व दिवस के अवसर पर रक्तदान अभियान के तहत जिला चिकित्सालय बालोद में रक्तदान शिविर आयोजित है। उन्होंने आव्हान करते हुए कहा कि इसमें आप सहभागी बनकर इस पुण्य काम में अपना योगदान देने की अपील की है |
उन्होंने कहा कि आप किसी को कुछ देते हैं अपनी श्रद्धा से तो वह दान स्वरूप होता है और जब किसी को जरूरत है और ऐसे समय में हम कुछ देते हैं तो यह हमारा पुण्य कार्य कहलाता है।
इस कार्यक्रम में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को अभी आमंत्रित किया गया था।
पत्रकार बृजेश पांडे ने कहा कि दादी प्रकाशमंणी का जीवन सभी के लिए प्रेरणास्रोत रहा है। उन्होंने विश्व शांति और भाईचारे की स्थापना के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया। प्रकाश उपाध्याय ने कहा कि आज के समय में समाज को दादी की शिक्षाओं की सबसे अधिक आवश्यकता है। मो. जुनैद कुरैशी ने कहा कि प्रजापिता की बहने अपना संपूर्ण जीवन सेवा त्याग और विश्व बंधुत्व के आदर्श को समर्पित करते हुए अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहे हैं।
इसी क्रम में टीकम पिपरिया ने अपने संबोधन में कहा कि दादी प्रकाशमनी का संदेश था कि हम सब आत्मा रूप में भाई-भाई हैं, और जब तक यह दृष्टिकोण हमारे जीवन में नहीं आएगा, तब तक सच्चे अर्थों में विश्व बंधुत्व संभव नहीं है। वहीं, भोजराज साहू ने कहा कि दादी ने यह सिद्ध कर दिखाया कि अध्यात्म केवल साधना तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज को जोड़ने और नई दिशा देने का माध्यम भी है।
स्नेह मिलन में ब्रह्माकुमारी परिवार, स्थानीय नागरिक और पत्रकार उपस्थित रहे। सभी ने एक-दूसरे से स्नेहपूर्वक मिलकर विश्व बंधुत्व और शांति की भावना को आत्मसात करने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम में आए हुए अतिथि पत्रकारों का सम्मान संस्था की संचालिका बीके विजयलक्ष्मी द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के अंत में आत्मज्ञान भवन की बहनों ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया और दादी प्रकाशमनी के बताए मार्ग पर चलने का आह्वान किया।
इस अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी संस्था के दीदी सरिता, सहयोगी भोपसिंह पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष, सहयोगी मनीष वैदे,पत्रकारगण बृजेश पांडेय, टीकम पिपरिया,प्रकाश उपाध्याय, रूपचंद जैन, मोहम्मद जुनैद कुरैशी, किशोर साहू, दुर्गा शंकर साहू, जितेंद्र साहू, उत्तम साहू, परशराम साहु, मीनू साहू,, दिलेश्वर बंटी देवांगन आदि उपस्थित थे।