झरिया: हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में झरिया मोहर्रम 2025 का पर्व श्रद्धा और सादगी के साथ मनाया गया। शहर में परंपरागत ताजिया और अखाड़ा जुलूस निकाला गया, जिसमें हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भाग लिया।
पूरे जुलूस के दौरान “या अली” और “या हुसैन” के नारों से वातावरण गूंज उठा। युवा पारंपरिक हथियारों जैसे तलवार और लाठी के साथ हैरतअंगेज करतब दिखा रहे थे, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। ताजिया जुलूस शहर के प्रमुख चौकों से होते हुए गुजरा और रास्ते में विभिन्न जगहों पर अखाड़े के कलाकारों ने पारंपरिक खेलों का प्रदर्शन किया।
खास बात यह रही कि इन अखाड़ों में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के युवाओं ने भाग लिया, जिससे सांप्रदायिक सौहार्द की एक सुंदर मिसाल देखने को मिली। इमामबाड़ों में फातिहा ख्वानी, परिक्रमा और मसीहा का आयोजन हुआ, जिसमें हसन-हुसैन की शहादत को याद कर लोगों ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
झरिया ऊपर कुल्ही स्थित मिल्लते इंतेजामिया कमेटी और शांति समिति की ओर से 25 अखाड़ा उस्तादों को पगड़ी और तलवार देकर सम्मानित किया गया।
विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सिटी एसपी ऋतिक श्रीवास्तव, सिंदरी डीएसपी आशुतोष कुमार सत्यम, झरिया सीओ मनोज कुमार और इंस्पेक्टर शशि रंजन कुमार अपने दल-बल के साथ जुलूस के दौरान मुस्तैद रहे।