भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों पांच देशों की यात्रा पर हैं और उन्होंने इसकी शुरुआत घाना से की है। अपने इस ऐतिहासिक दौरे में उन्होंने केवल राजनीतिक संवाद ही नहीं किया, बल्कि भारत की समृद्ध शिल्पकला और संस्कृति को भी घाना के शीर्ष नेताओं के समक्ष प्रस्तुत किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने घाना के राष्ट्रपति को कर्नाटक की प्रसिद्ध बिदरी कला से निर्मित एक खूबसूरत फूलदान भेंट किया। यह धातु से बना फूलदान बीदर के पारंपरिक कारीगरों की उत्कृष्ट कलाकारी को दर्शाता है, जिसमें जस्ता-तांबे की मिश्र धातु पर चांदी की बारीक जड़ाई की जाती है।
वहीं, राष्ट्रपति की पत्नी को उन्होंने ओडिशा की पारंपरिक सिल्वर फिलिग्री (तारकशी) कला से बना एक सुंदर चांदी का पर्स उपहार में दिया। यह पूरी तरह से हाथ से बना हुआ है और आधुनिकता के साथ पारंपरिक शिल्प का बेहतरीन संगम है।
पीएम मोदी घाना दौरा के तहत उपराष्ट्रपति को एक कश्मीरी पश्मीना शॉल भेंट किया गया, जो चंगथांगी बकरी की ऊन से बनी होती है और अपनी बारीकी, हल्केपन और गर्माहट के लिए जानी जाती है। यह शॉल कश्मीरी बुनकरों की शताब्दियों पुरानी कला का प्रतीक है।
इसके अलावा, घाना संसद के स्पीकर को उन्होंने लघु हाथी अंबावारी भेंट की, जिसे पश्चिम बंगाल के शिल्पकारों ने सिंथेटिक हाथीदांत से तैयार किया है। यह टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल भारतीय रॉयल शिल्पकला का अद्भुत उदाहरण है।
पीएम मोदी घाना दौरा न सिर्फ कूटनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि भारत की सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक मंच पर मजबूती से प्रस्तुत करने का माध्यम भी बना।