महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में इस बार कई बड़े उलटफेर हुए। जहां एनडीए पिछले चुनाव से अधिक अक्रामक और मजबूत दिखा वहीं, कई दिग्गज नेताओं के किले ढह गए।
आंकड़ों पर गौर करें तो इस बार कुल 288 विधानसभा सीटों में एनडीए को 230 सीट, इंडिया गठबंधन को 51 सीट और अन्य को महज 7 सीटों पर जीत मिली है। इस बार सबसे अधिक नुकसान इंडिया गठबंधन और एनसीपी शरद पवार को हुआ।
‘किंग’ मेकर कैसे हुए इतने लाचार
महाराष्ट्र की राजनीति में शरद पवार हमेशा किंग मेकर की भूमिका में रहें हैं। लेकिन बीते दिनों जब भतीजे अजित पवार के साथ उनका पार्टी और सिंबल को लेकर विवाद हुआ तो बड़ी संख्या में उनके पुराने साथी एनसीपी अजित पवार के साथ खड़े दिखाई पड़े। दरअसल, चुनाव प्रचार के दौरान कई बार शरद पवार ने अपने संन्यास के संकेत दिए। एक सभा में उन्होंने कहा कि अब वे चुनाव नहीं लड़ेंगे, हालांकि पार्टी संगठन का काम देखते रहेंगे। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इससे कार्यकार्तओं का मनोबल कम हुआ और वह पूरी शिद्दत से प्रचार में नहीं जुटे।
एनसीपी शरद पवार को मिले सबसे कम वोट
चुनाव आयोग के आंकड़ों पर गौर करें तो महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना (यूबीटी) को 18.9% वोट शेयर मिला। उद्धव ठाकरे ने इस बार कुल 95 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए थे। जिसमें से केवल वह 18 सीटों ही विजयी रही। इसके अलावा दूसरे नंबर पर कांग्रेस को 18.8% वोट मिला। कांग्रेस ने कुल 101 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए थे, जिसमें से वह महज 19 सीटों पर चुनाव जीत सकी। इसके अलावा एनसीपी (शरद पवार) कुल सबसे कम 13.9% वोट शेयर मिला। पार्टी ने कुल 86 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए और उनमें से केवल 18 ही जीत पाए।