शुक्रवार रात पटना में मशहूर व्यवसायी गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह सनसनीखेज वारदात गांधी मैदान के पास हुई, जब खेमका अपने घर लौट रहे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ हमलावर पहले से उनका इंतजार कर रहे थे। जैसे ही वह कार से उतरे, उन्हें निशाना बनाकर गोली चला दी गई। हमलावर घटना के तुरंत बाद मौके से फरार हो गए।
गोपाल खेमका मगध अस्पताल के मालिक थे और कई सामाजिक संगठनों से जुड़े थे। उनकी हत्या ने सिर्फ पटना ही नहीं, पूरे बिहार को झकझोर दिया है। दुखद बात यह है कि यह खेमका परिवार की पहली त्रासदी नहीं है। 2018 में उनके बेटे गुंजन खेमका की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
घटना की रात गोपाल खेमका बांकीपुर क्लब से करीब 11:30 बजे लौटे थे। जैसे ही वह होटल पनास के पास कार से उतरे, हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। सांसद पप्पू यादव ने घटनास्थल का दौरा कर खेमका परिवार से मुलाकात की। उन्होंने आरोप लगाया कि पास में थाना होते हुए भी पुलिस समय पर नहीं पहुंची। सोशल मीडिया पर उन्होंने इसे “जंगल राज” करार दिया और सरकार की नाकामी पर सवाल उठाए।
इतने सुरक्षित माने जाने वाले इलाके में इस तरह की दुस्साहसिक हत्या ने बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गहरा सवाल खड़ा कर दिया है। आम लोग अब पूछ रहे हैं कि अगर अमीर और प्रतिष्ठित लोग भी सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता की सुरक्षा की क्या गारंटी है? सरकार पर अब सख्त कदम उठाने का दबाव बढ़ता जा रहा है।