हिमाचल प्रदेश में आई भीषण बाढ़ और तबाही के बीच बीजेपी सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने रविवार को मंडी जिले के प्रभावित इलाकों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके “कैबिनेट पोस्ट नहीं है, और फंड नहीं हैं” वाला बयान कोई विवाद नहीं, बल्कि उनकी सीमित भूमिका को लेकर एक सच्ची बात थी।
मीडिया से बातचीत में कंगना ने कहा, “एक सांसद के तौर पर मेरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार तक जनभावनाओं और जरूरतों को पहुंचाना है। मेरे पास खुद का कोई राहत कोष नहीं है, लेकिन मैं प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर हिमाचल के लिए विशेष सहायता की मांग करूंगी।”
हिमाचल में अब तक भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन के चलते 78 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें मंडी जिले में ही 14 मौतें हुई हैं। अभी भी 31 लोग लापता हैं और बचाव अभियान जारी है। मंडी जिले में 150 से ज्यादा घर, कई पुल, सड़कें और बिजली व्यवस्था पूरी तरह प्रभावित हुई हैं।
कंगना ने कांग्रेस सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि आपदा पीड़ितों को अभी तक समुचित मदद नहीं मिली है। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार मेरे बयान को घुमा रही है, जबकि असली सवाल यह है कि राहत फंड का उपयोग कहां और कैसे किया गया।”