- बालोद :–रमजान के रोजे के बाद खुशी का इजहार करने ईद का त्योहार मुस्लिम समुदाय के द्वारा मनाया गया |
ईदगाह में जामा मस्जिद के पेश ईमाम मोहम्मद शकील चिस्ती ने कहा कि यह गरीब, यतीम सारे लोगों की ईद होती है, आज अल्लाह की बारगाह में मांगने का दिन है, आज शुकराना अदा करने और खुशी मनाने का दिन है, कोई गरीब इंसान है उसकी मदद करने का दिन है, कोई गरीब हो और उसके तन में कपड़ा ना हो तो अमीरों को चाहिए कि उसकी खुशी के लिए कपड़े का इंतजाम करें|
हाफ़िज़ शकील चिस्ती ने कहा की रमज़ान का रोज़ा ईद का तोहफा है, उसके रोज़े बारगाहे इलाही में मकबूल होते हैं, उसके लिए ईद है|
ईद की नमाज के बाद उन्होंने प्रदेश व हिंदुस्तान की तरक्की, अमन,भाईचारा के लिए दुआएं की|
ईद उल फितर पर छोटे बड़े बुजुर्ग सभी नए वस्त्र पहन कर ईदगाह पहुंचे नमाज अदा कर एक दूसरे से गले मिलकर बधाई दी,नमाज अदा करने के बाद कब्रिस्तान जाकर अपने मरहूम के लिए परवर दिगार से मग़ फेरत के लिए दुआएं की, यह त्योहार मीठी ईद के नाम से भी जानी जाती है!
*फाउंडेशन ने बच्चों को दी ईदी कलम*
ईद की नमाज के बाद आल मुस्लिम वेलफेयर फाउंडेशन बालोद की ओर से बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए ईदी कलम बाटी गई,फाउंडेशन के दुर्ग संभाग अध्यक्ष जाहिद अहमद खान ने इस मौके पर बच्चों के हौसला अफ़ज़ाई करते हुए उन्हें मुबारकबाद दी|
*कमाई का ढाई प्रतिशत हिस्सा गरीबों को देना जरूरी*
इस त्यौहार में मुस्लिम समुदाय के द्वारा अपनी कमाई का ढाई प्रतिशत हिस्सा गरीबों के लिए देना अनिवार्य है, जिसे ज़कात कहते हैं, इसका मकसद यह है कि गरीब बच्चे सभी इस पैसे से अपने बच्चों के साथ ईद मना सके|
ईद के इस मौके पर इंतजामियां कमेटी के शाहिद खान ने मुसलमानों को ईद की बधाई दी|व कमेटी के विकास कार्य की जानकारी देते हुए पुलिस प्रशास न, नगरपालिका का आभार व्यक्त किया