बालोद :– अरिहंत अकैडमी, बालोद में मानसिक स्वास्थ्य अर्थात् मेंटल हेल्थ के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देने हेतु एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रार्थिता जैन, जो कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की लाइसेंस प्राप्त मानसिक स्वास्थ्य परामर्शदाता हैं तथा न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से एप्लाइड साइकोलॉजी में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त कर चुकी हैं, ने विद्यार्थियों को संबोधित किया।वे वर्तमान में न्यूयार्क में माइंड मुरल थेरेपी की डायरेक्टर है।
सेमिनार के दौरान प्रार्थिता जैन ने विद्यार्थियों से खुले मन से बातचीत की और उन्हें यह समझाया कि “उदास, चिंतित या परेशान महसूस करना बिल्कुल सामान्य है – आपकी भावनाएँ पूरी तरह मान्य हैं।”
उन्होंने कहा, “आपको परिपूर्ण होने की आवश्यकता नहीं है। कोई भी व्यक्ति जीवन के हर पहलू को पूरी तरह समझ नहीं पाया है।” चाहे वह कितना भी महान हो।
उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि जब भी वे असहज महसूस करें, तो अपने माता-पिता, रिश्तेदारों, शिक्षकों या दोस्तों से बात करें, क्योंकि “आप अकेले नहीं हैं – दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जो आपकी परवाह करते हैं।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि “मदद माँगना एक कमजोरी नहीं बल्कि साहस और समझदारी की निशानी है। स्वयं के प्रति हमेशा दयालु रहें।”
विद्यालय के चेयरमैन डॉ प्रदीप जैन जी ने इस आयोजन के विषय में कहा कि “आज के समय में मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता बेहद जरूरी है। यह सेमिनार विद्यार्थियों के भीतर आत्म-स्वीकृति और संवाद की भावना को बढ़ावा देगा। हम इस पहल के लिए अरिहंत अकैडमी में सदैव प्रयासरत रहेंगे और आशा करते हैं कि हमारे विद्यार्थी इससे लाभान्वित होंगे।” कठिन से कठिन परिस्थितियो में भी हमे अवसाद को दूर करना होगा।शाला के छात्रो ने अपनी जिज्ञासा भी सामने रखी जिनका भी समाधान दिया गया।वर्तमान परिवेश में ये कार्यक्रम बच्चों के लिये अत्यंत आवश्यक है।
अरिहंत अकैडमी के प्राचार्य श्री आलोक श्रीवास्तव जी ने प्रार्थिता जैन के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि, विद्यार्थियों के साथ इतनी सरलता और संवेदनशीलता से संवाद की कला उनके वर्षों के अनुभव को दर्शाता है। उनका ज्ञान और अनुभव निश्चित ही सभी के लिए प्रेरणादायक रहा। अरिहंत अकैडमी उनके इस सराहनीय योगदान के लिए धन्यवाद ज्ञापित करता है।”