कोरमी ग्राम पंचायत के दईहानपारा से बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां के ग्रामीणों ने एक रिटायर्ड शिक्षक के परिवार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि बीते 20 साल से गांव की मुख्य सड़क पर कब्जा कर रखा गया है। ग्रामीणों का कहना है कि अब पानी सिर से ऊपर जा चुका है और अगर प्रशासन ने सुनवाई नहीं की, तो आंदोलन तय है।
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ग्रामीणों के मुताबिक, रिटायर्ड शिक्षक यशवंत आडील और उनके परिजन दईहानपारा की उस कच्ची सड़क पर वर्षों से कब्जा जमाए बैठे हैं, जो पूरे गांव को जोड़ती है। यही नहीं, ग्रामीणों का कहना है कि उनके कब्जे के कारण आज तक ये रास्ता पक्का नहीं बन पाया, और गांव विकास से कोसों दूर रह गया।स्थानीय लोगों का आरोप है कि जब पंचायत प्रतिनिधियों ने रास्ता खाली कराने की कोशिश की, तो आडील परिवार ने न केवल विरोध किया बल्कि खुलेआम दबंगई पर उतर आया। बिल्हा जनपद पंचायत के सभापति प्रतिनिधि ने बताया कि उनके ड्राइवर के साथ मारपीट की गई और धमकी दी गई कि तुम लोग रोड बनवाओगे देखता हूं कैसे बनवाते हो।जिसकी शिकायत भी सिरगिट्टी थाने में दर्ज कराई गई है। ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों ने इस मामले में पुलिस और प्रशासन से तत्काल दखल देने की मांग की है।सीमांकन करने पहुंचे प्रशासनिक अमले को भी आडील परिवार ने घर के भीतर घुसने नहीं दिया। परिवार का तर्क था कि बिना नोटिस के कोई अधिकारी उनके परिसर में प्रवेश नहीं कर सकता। इसके चलते सीमांकन अधूरा रह गया।घटना के बाद ग्रामीणों ने गांव के चौक में हल्ला बोलते हुए जमकर नाराजगी जताई। मौके पर पहुंची नायब तहसीलदार गरिमा ठाकुर ने लोगों को समझाइश देने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीणों ने उन पर भी मिलीभगत का आरोप लगाया।
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जब मीडिया कर्मियों ने नायब तहसीलदार से जवाब मांगने की कोशिश की, तो वे सवालों से बचकर अपनी कार चालू कर मौके से ही भाग खड़ी हुई।इस पर ग्रामीणों में और ज्यादा आक्रोश फैल गया। गांव के उपसरपंच ईश्वर प्रसाद ने चेतावनी दी कि यदि 15 दिन के भीतर कब्जा नहीं हटाया गया और सड़क निर्माण शुरू नहीं हुआ, तो वे धरना प्रदर्शन करेंगे।अब सवाल ये है कि क्या कोरमी ग्राम पंचायत के दईहानपारा के ग्रामीणों को इंसाफ मिलेगा? क्या प्रशासन दबंगों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगा? या फिर एक रिटायर्ड शिक्षक की पहुंच और पावर के आगे सिस्टम यूं ही लाचार बना रहेगा।