मणिपुर में जारी जातीय तनाव और अशांति के बीच सुरक्षा बलों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। हाल ही में हुए संयुक्त अभियान में राज्य पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने बेहतरीन समन्वय और खुफिया सूचनाओं के आधार पर कई महत्वपूर्ण बरामदगियां की हैं। डीजीपी कार्यालय ने इस कार्रवाई की सराहना करते हुए इसे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम बताया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह अभियान न केवल सुरक्षा एजेंसियों के बीच तालमेल का प्रतीक है, बल्कि यह भी दिखाता है कि विपरीत परिस्थितियों में भी जवान पूरी मुस्तैदी से काम कर रहे हैं। राज्य में जारी जातीय संघर्ष, अपराध और विस्थापन के मद्देनज़र इस तरह के अभियान लगातार जारी रहेंगे। इनका उद्देश्य अवैध हथियारों की धरपकड़ के साथ-साथ विस्थापित लोगों की सुरक्षित वापसी और पुनर्वास सुनिश्चित करना है।
स्थानीय लोगों की भूमिका भी इस अभियान में अहम रही। पुलिस और केंद्रीय बलों ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि या अवैध हथियारों की जानकारी तुरंत नजदीकी थाने या नियंत्रण कक्ष को दें।
मणिपुर पुलिस ने शांति बहाली, कानून व्यवस्था बनाए रखने और सभी समुदायों के बीच विश्वास बहाल करने की प्रतिबद्धता दोहराई है। पिछले एक वर्ष से अधिक समय से चले आ रहे संघर्ष ने राज्य को गहरे सामाजिक और मानवीय संकट में डाल दिया है।
डीजीपी कार्यालय ने संकेत दिए हैं कि ऐसे अभियान आगे और तेज़ होंगे। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि वे सतर्क और सजग रहें, क्योंकि बिना जनता के सहयोग के स्थायी शांति की स्थापना संभव नहीं है।