Sanctioning Russia Act 2025 नाम का एक नया अमेरिकी बिल भारत समेत कई देशों के लिए चिंता का कारण बन गया है। यह बिल उन देशों को निशाना बना रहा है जो अभी भी रूस से तेल, गैस या यूरेनियम जैसी ऊर्जा जरूरतें पूरी कर रहे हैं। अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम और रिचर्ड ब्लूमेंथल द्वारा पेश इस प्रस्ताव का सीधा असर भारत और चीन जैसे देशों पर पड़ सकता है।
बिल के तहत, जो देश रूस से ऊर्जा खरीद जारी रखेंगे, उनके अमेरिका को भेजे गए सामान पर 500% तक का टैरिफ टैक्स लगाया जा सकता है। यह भारत जैसे निर्यातक देशों के लिए एक बड़ा झटका होगा। अगर यह बिल पास हो गया, तो भारत से अमेरिका को भेजे जाने वाले वस्त्र, फार्मा और आईटी उत्पाद जैसे निर्यात काफी महंगे हो जाएंगे, जिससे प्रतिस्पर्धा घटेगी और अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
भारत के लिए खतरा और बढ़ जाता है क्योंकि साल 2024 में भारत के कुल तेल आयात का लगभग 35% हिस्सा रूस से आया था। ऐसे में भारत इस बिल का पहला टारगेट बन सकता है।
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस बिल की भाषा पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि राष्ट्रपति को निर्णय लेने की पूरी आजादी होनी चाहिए, न कि कांग्रेस पर निर्भरता। ट्रंप की टीम चाहती है कि ‘shall’ की जगह ‘may’ लिखा जाए ताकि राष्ट्रपति को अधिक लचीलापन मिल सके।