Rajasthan Hijab Row: राजस्थान में भी एजुकेशनल सोसायटी में हिजाब पहनने को लेकर बहस छिड़ गई है। जयपुर के हवामहल से विधायक बालमुकंदाचार्य के एक सरकारी स्कूल में दिए बयान के बाद यह मुद्दा गर्माया है। सूत्रों का दावा है कि राजस्थान में सरकारी स्कूलों में हिजाब पर पाबंदी लगाने की तैयारी है।
इसके लिए दूसरे राज्यों में हिजाब पाबंदी के स्टेट्स को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है। वहीं, भजनलाल सरकार के सीनियर मंत्री डॉ किरोड़ीलाल मीणा ने हिजाब बैन की वकालत की है। सोमवार को इस विवाद की गूंज विधानसभा में भी सुनाई दी।
किरोड़ी बोले- ड्रेस कोड की पालना हो, हिजाब पर पाबंदी लगे
कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने प्रदेश भर में स्कूलों में हिजाब पर बैन लगाने की पैरवी की है। उन्होंने कहा- स्कूलों में ड्रेस कोड की पालना होनी ही चाहिए। हिजाब सरकारी ही नहीं, प्राइवेट स्कूलों और मदरसों तक में प्रतिबंधित होना चाहिए। मैं इस पर मुख्यमंत्री से बात करूंगा।
विधायक बालमुकुंद आचार्य ने उठाया मुद्दा
दरअसल जयपुर की हवा महल सीट से विधायक बालमुकुंद आचार्य ने राजस्थान में हिजाब पहनने को लेकर सवाल उठाया था। जानकारी के मुताबिक गणतंत्र दिवस के मौके पर बालमुकुंद आचार्य एक स्कूल पहुंचे थे इस दौरान उन्होंने सवाल किया था कि क्या स्कूल में दो तरह के ड्रेस कोड हैं। विधायक ने स्कूल में एक ड्रेस कोड होने की वकालत की थी।
शिक्षा मंत्री को भेजी जाएगी रिपोर्ट
सूत्रों के मुताबिक, शिक्षा विभाग में उच्च स्तर पर हिजाब बैन मामले में रिपोर्ट तैयार करके शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को भेजी जाएगी। बताया जा रहा है कि दिलावर ने ही इस मामले में विभाग से दूसरे राज्यों में हिजाब बैन के स्टेटस और राजस्थान में इसके प्रभावों को लेकर रिपोर्ट मांगी है।
दूसरे राज्यों के पैटर्न का अध्ययन करने के बाद हिजाब बैन की संभावनाओं पर रिपोर्ट मंत्री को भेजी जाएगी। उच्च स्तर से हरी झंडी मिलने के बाद राजस्थान के स्कूलों में भी हिजाब पर पाबंदी लगाई जा सकती है।
बालमुकुंद के खिलाफ छात्राओं का प्रदर्शन
विधायक बालमुकुंद आचार्य की इस बात को लेकर जयपुर में जमकर बवाल हुआ। सोमवार को मुस्लिम छात्राओं ने अपने परिजनों और मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ मिलकर बालमुकुंद आचार्य के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
इस दौरान छात्राओं ने सुभाष चौक थाने का घेराव किया और विधायक बालमुकुंद से माफी मांगने की मांग की। छात्राओं का कहना था कि स्कूल के कार्यक्रम में आए विधायक ने हिजाब को लेकर जो बातें की और धार्मिक नारे लगवाए वो गलत है और वो लोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगी। छात्राओं ने की मांग है कि विधायक बालमुकुंद आचार्य माफी मांगें।
कर्नाटक में हिजाब विवाद पर क्या हुआ था
कर्नाटक के उडुपी जिले के एक कॉलेज में 31 दिसंबर 2021 को 6 मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने पर रोक लगाने से विवाद हुआ था। विवाद बढ़ा तो फरवरी 2022 में तत्कालीन कर्नाटक सरकार ने स्कूल-कॉलेजों में सभी तरह के धार्मिक पहचान वाले कपड़े पहनने पर रोक लगा दी थी।
इसके पीछे कर्नाटक सरकार ने समानता का तर्क दिया था। कर्नाटक सरकार ने हिजाब के साथ ही सभी तरह के धार्मिक पहचान के कपड़ों पर रोक लगाई थी।
आदेश में तर्क दिया गया था कि कोई भी कपड़ा जो समानता, अखंडता और सार्वजनिक कानून व्यवस्था को परेशान करेगा, उसे स्कूलों में पहनने की अनुमति नहीं होगी।
दिसंबर 2023 को वर्तमान कांग्रेस सरकार ने बीजेपी सरकार के हिजाब बैन के फैसले को पलट दिया। कांग्रेस सरकार ने स्कूल-कॉलेजों में हिजाब और बुर्का पहनने की छूट दे दी।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्कूल-कॉलेजों में हिजाब बैन के फैसले को सही ठहराया था। हाईकोर्ट ने हिजाब बैन के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा था कि स्कूल-कॉलेजों में ड्रेस कोड सही है।