नई दिल्ली। आज बजट सत्र के पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में सरकार के विजन और देश में बीते 10 साल में हुए कार्यों का विस्तार से जिक्र किया। इस दौरान राष्ट्रपति ने राम मंदिर प्राणप्रतिष्ठा का भी जिक्र किया। वही अब राष्ट्रपति के अभिभाषण को कांग्रेस ने मोदी सरकार का गुणगान बताया है।
कांग्रेस ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संसद में हुए अभिभाषण को मोदी सरकार का गुणगान बताया है। कांग्रेस ने कहा कि अभिभाषण में देश की वास्तविक आर्थिक-सामाजिक सच्चाई, मणिपुर हिंसा, बढ़ती असमानता, महंगाई एवं बेरोजगारी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों का कोई उल्लेख नहीं था। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार बार-बार सच को दबाने का प्रयास कर रही है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हमें खुशी है कि आज महामहिम राष्ट्रपति जी पहली बार नए संसद में आकर दोनों सदनों को संबोधित कर रही थी। देर से ही सही, उनको ये सम्मान प्राप्त हुआ। सबने देखा कि सरकार ने उन्हें नए संसद के उद्घाटन पर बुलाना उचित नहीं समझा था, हालांकि राष्ट्रपति संसद का अभिन्न हिस्सा होते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी कैबिनेट द्वारा पारित राष्ट्रपति का अभिभाषण केवल मोदी सरकार का गुणगान जैसा था।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि दावों से दूर सच्चाई ये है कि हम लगातार अपनी जमीन चीन के कब्जे में छोड़ते जा रहे हैं। मणिपुर हिंसा का भी अभिभाषण में उल्लेख नहीं था। इसी के साथ सालाना दो करोड़ नौकरियां, किसानों की आय दोगुना करने के वादे का क्या हुआ और काला धन कब आएगा, ये भी नहीं बताया गया। इसी के साथ एससी, एसटी, ओबीसी बच्चों को समय पर छात्रवृत्ति नहीं मिलती। जो छात्रवृत्ति कार्यक्रम पहले से चल रहे हैं, उन्हें भी बंद किया जा रहा है। उनके लिए शिक्षा व्यवस्था के बारे में भी अभिभाषण में कुछ नहीं था।
वहीं लोकसभा में उपनेता गौरव गोगोई और कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण देश की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा।
कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि देश की जनता को राष्ट्रपति के भाषण से बहुत उम्मीदें थी, क्योंकि ये भाषण सरकार के दस साल के कार्यकाल में आखिरी भाषण था। ऐसा लग रहा था कि मोदी सरकार ने जो गारंटियां दी थी, राष्ट्रपति के भाषण में उनकी सफलता और विफलता की जानकारी दी जाएगी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ, क्योंकि मोदी सरकार की सभी गारंटियां फेल हो चुकी हैं।
शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि पीएम मोदी ने 2014 और 2019 के चुनाव के दौरान कई वादे किए थे। मोदी ने चुनाव के वक्त कहा था कि काला धन वापस आएगा, सभी के खाते में 15 लाख रुपए आएंगे, हर साल दो करोड़ नौकरियां मिलेंगी, किसानों की आमदनी दोगुनी होगी। लेकिन आज राष्ट्रपति के भाषण में किसी बात का जिक्र नहीं था। राष्ट्रपति के भाषण में चीन के साथ तनाव, जवानों की शहादत का कोई उल्लेख नहीं था।
वहीं गौरव गोगोई ने कहा कि आज की वास्तविक आर्थिक, सामाजिक सच्चाई और नोटबंदी की बड़ी आर्थिक गलती का विवरण भाषण में नहीं था। इसके साथ ही अग्निपथ योजना में अग्निवीर को अपना अधिकार नहीं मिलता, उसको लेकर कोई विवरण नहीं था।
गौरव गोगोई ने कहा कि ऐसी आशा थी कि राष्ट्रपति अपने अभिभाषण में लोकतंत्र, संविधान और संसद पर भाजपा-आरएसएस द्वारा किए जा रहे हमले पर चिंता जताएंगी। नए सदन में राष्ट्रपति जी के भाषण में इस बात का भी जिक्र होना चाहिए था कि पिछले सत्र में सवाल पूछने पर 146 सांसदों को क्यों निलंबित कर दिया गया। इसी सदन से पोर्टल पासवर्ड मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़कर एक महिला सांसद को बाहर निकाल दिया गया, लेकिन जिस भाजपा सांसद की अनुशंसा पर पास लेकर कुछ लोगों ने सदन में कूदकर हंगामा किया, उस सांसद के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं गई। राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सरकार दोहरे मापदंड अपना रही है।
गौरव गोगोई ने कहा कि आज ईडी का दुरुपयोग कर विपक्षी दलों पर दबाव बनाया जाता है, संस्थाओं को कमजोर कर जीत हासिल करने की कोशिश की जाती है। हाल ही में चंडीगढ़ में देखा कि किस तरह चुनावी अफसर की मदद से भाजपा ने जीत हासिल की। आज लोकतंत्र में लोगों का विश्वास घटता जा रहा है। राष्ट्रपति के भाषण में देश की यह सच्चाई नहीं दिखी। मोदी सरकार बार-बार सच को दबाने का प्रयास कर रही है।