google.com, pub-4211912006974344, DIRECT, f08c47fec0942fa0 तांदुला सूखा जलाशय लबालब - BBC Hindi News

तांदुला सूखा जलाशय लबालब

सैलानियों की उमड़ी भीड़

RELATED POSTS

बालोद :–बालोद क़ी जलप्रदायिनी तांदुला नदी एवं सूखा नदी पर बने तांदुला जलाशय में जलभराव सोमवार तक की स्थिती में 33.69 फीट तक पहुँच गया है। लगभग 39 फीट पर बाँध का पानी रपटा से छलकने लगता है। लगातार 10 दिनों के झमाझम बारिश से जलाशय का भराव बढ़ते ही जा रहा है, वहीं जलाशय का तीनों गेट खोल देने से नहर के माध्यम से पानी तेज गति से निकाला रहा है।

यदि पानी नहीं छोड़ा जाता तो अब तक जलाशय झलकने की स्थिति में आ जाता।
इधर सैलानियों की भीड़ बाँध को देखने के लिए उमड़ रही है।
बाँध से लगा ही एक खूबसूरत नजारा तांदुला रिसोर्ट का है,जहाँ पर आए दिन सैलानी नौका विहार करने आते हैं।
समीप ही गोवा की तर्ज पर रेत बीछी हुई है जहाँ सैलानी आनंद लेने से नहीं चूकते।
अब यह एक पर्यटक स्थल बन गया है, जहाँ पर विभिन्न शहरों से पर्यटक कुदरती नज़ारा देखने व आनंद लेने रोजाना आ रहे हैं।

तांदुला संयोजन :

तांदुला जलाशय, गोंदली जलाशय और खरखरा जलाशय को मिलाकर तांदुला संयोजन कहा जाता है। तांदुला जलाशय दो भागों में विभक्त है। एक तांदुला जलाशय जो तांदुला नदी पर तथा दूसरा सूखा बांध जो सूखा नदी पर निर्मित है। दोनों जलाशय का उलट (रपटा )एक ही है, ऐसा संयोग है कि इस रपटे से दोनों बाँध का पानी ओवरफलो से गिरकर तांदुला नदी का रूप ले लेता है। तांदुला बाँध और सूखा बाँध के बीच में एक चैनल (नहर) का निर्माण किया गया है,जो काफ़ी गहरा है, जिससे तांदुला बांध का पानी सूखा बांध में आता है। सूखा बांध में जलद्वार निर्मित है, जिससे सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराया जाता है।अंचल के गोंदली जलाशय का भी पानी नहर के माध्यम से सीधे तांदुला में आता है, वैसे भी गोंदली जलाशय का निर्माण तांदुला जलाशय को जलापूर्ति के लिए किया गया है, तथा खरखरा जलाशय का पानी खरखरा पूरक नहर के माध्यम से तांदुला मुख्य नहर के आर. डी. 150 मी. पर आकर मिल जाता है, जिसका निर्माण भिलाई इस्पात संयत्र के सहयोग से भिलाई इस्पात संयत्र को जल प्रदाय हेतु किया गया था। लेकिन अब शेष बचत पानी से किसानों को सिंचाई हेतु जल उपलब्ध कराया जाता है।
इसके अलावा दुर्ग शहर, भिलाई शहर में पेयजल की आपूर्ति के साथ-साथ 1124 निस्तारी तालाबों को भी पानी यहीं से प्रदाय किया जाता है।


तांदुला बाँध का निर्माण अंग्रेज शासन काल में सन 1912 में,गोंदली जलाशय का निर्माण सन 1956 में तथा खरखरा जलाशय सन 1966 में निर्माण किया गया। यह जलाशय बालोद जिले व छत्तीसगढ़ के लिए वरदान है, क्यूंकि इस जलाशय का पानी एशिया का सबसे बड़ा भिलाई इस्पात संयन्त्र के लिए पानी की आपूर्ति करता है।क्षेत्र मे किसानों के खेतों की सिंचाई व पेयजल के लिए भी यहीं से पानी सप्लाई किया जाता है।

Buy JNews
ADVERTISEMENT
BBC Hindi News

Related Posts

Next Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Live Cricket Score

Corona Widget

Rashifal

Currently Playing

Welcome Back!

Login to your account below

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.