प्रयागराजः महाकुंभ में भगदड़ के बाद मृतकों के परिजनों का बुरा हाल है। दर्दनाक हादसे के बाद पुलिस-प्रशासन के असहयोग के कारण मृतकों के परिजनों को अपने प्रियजनों का शव अपने पैतृग गांव ले जाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
बिहार की गायत्री देवी का कुछ ऐसा ही हाल है।
बिहार के गया जिले की रहने वाली गायत्री देवी अपने पति के साथ मौनी अमावस्या के पर्व स्नान करने तीर्थराज प्रयाग में आईं थी, लेकिन बीते रोज संगम नोज पर हुई भगदड़ में उनके पति की मौत हो गई। इतना ही नहीं उनका सामान गायब हो गया और पैसा भी खत्म हो गया। घर से पैसा मंगाने के लिए कान में फोन दबाए हुए हैं। आंख से आंसू गिरे रहे हैं। इस परिस्थिति में देख कर किसी का भी हृदय दुख से भर जाएगा।
सरकार की तरफ से मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये मुआवजे का तो ऐलान कर दिया है, लेकिन शव को पीड़ितों के घर तक पहुंचाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। कानून व्यवस्था के और सरकार के तमाम वादे हवा हवाई होते दिख रहे हैं।
गायत्री देवी ने सरकार व प्रशासन को कोसते हुए कहा कि शव तो सौंप दिया है। लेकिन हमारा सामान भगदड़ में छूट गया और पैसा खत्म हो गया है। बिना पैसे के एंबुलेंस शव ले जाने को तैयार नहीं है। अब घर से पैसे मंगवा रही हूं। गायत्री देवी कहती हैं कहां दूं पैसा क्या देंह बेंचकर पैसे दूं। उनका यह वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
गौतरतलब है कि महाकुंभ में बीते दिन संगम नोज भगदड़ में सरकारी आंकड़ें में तीस लोगों की मौत गई। इसके अलावा कई लोग घायल हुए हैं। इसी भगदड़ में गायत्री ने देवी का सबकुछ लुट गया। सरकार और प्रशासन द्वारा की लापरवाही के कारण मृतकों के परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।