बिहार चुनाव वोटर लिस्ट विवाद अब गहराता जा रहा है। चुनाव से ठीक पहले निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची के पुनरीक्षण के फैसले पर विपक्ष ने गंभीर सवाल उठाए हैं। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को इस मुद्दे पर भाजपा और चुनाव आयोग दोनों पर तीखा हमला बोला।
तेजस्वी ने कहा कि यह सारा खेल बीजेपी के इशारे पर हो रहा है, जबकि चुनाव आयोग सिर्फ एक मोहरा है। उनका आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार चुनाव हारने से डर रहे हैं, इसलिए मतदाता सूची में छेड़छाड़ की जा रही है।
तेजस्वी ने सवाल उठाया कि आठ करोड़ मतदाताओं का पुनरीक्षण केवल 25 दिनों में, वो भी बाढ़ और बारिश के मौसम में कैसे संभव है? उन्होंने कहा कि जिन दस्तावेजों की मांग हो रही है, वह गरीबों के पास नहीं हैं। इसके अलावा, राज्य से बाहर रहने वाले चार करोड़ प्रवासी मतदाताओं का क्या होगा?
तेजस्वी ने यह भी आरोप लगाया कि वे बार-बार चुनाव आयोग से मिलने का समय मांग रहे हैं, लेकिन आयोग टाल रहा है। उन्होंने इसे लोकतंत्र के साथ अन्याय बताया और कहा कि बिहार में लोकतंत्र की हत्या करने की साजिश हो रही है, जिसे जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी।
इससे पहले कांग्रेस नेता राजेश राम ने भी वोटर लिस्ट पुनरीक्षण को एक साजिश बताते हुए कहा था कि यह मतदाताओं के अधिकारों को छीनने का प्रयास है। उनका आरोप है कि सरनेम देखकर नाम हटाए जा सकते हैं।