भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश DY Chandrachud एक बार फिर चर्चा में हैं, इस बार वजह है—उनका रिटायरमेंट के आठ महीने बाद भी सरकारी बंगले में बने रहना। सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने इस पर आपत्ति जताते हुए गृह और शहरी कार्य मंत्रालय को पत्र लिखकर कृष्ण मेनन मार्ग स्थित बंगला नंबर 5 को तुरंत खाली कराने की मांग की है।
नियमों के अनुसार, रिटायरमेंट के बाद CJI को 6 महीने तक सरकारी बंगले में रहने की अनुमति होती है। लेकिन DY Chandrachud 10 नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त हुए थे और अब तक टाइप VIII बंगले में रह रहे हैं, जबकि 31 मई 2025 को उनकी अनुमति समाप्त हो चुकी है।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट में फिलहाल 33 जज कार्यरत हैं, जिनमें से चार को अभी तक सरकारी आवास नहीं मिला है। तीन ट्रांजिट फ्लैट में हैं और एक राज्य अतिथि गृह में। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट को तत्काल बंगले की जरूरत है।
पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने व्यक्तिगत परिस्थितियों का हवाला देते हुए कहा कि उनकी बेटियों को विशेष देखभाल की जरूरत है, और वे फरवरी से नया घर खोज रहे हैं। उन्होंने बताया कि 28 अप्रैल को उन्होंने तत्कालीन CJI को पत्र लिखकर 30 जून तक अनुमति मांगी, लेकिन जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा, “यह मेरी मजबूरी है, इच्छा नहीं।”
सरकार ने उन्हें किराए का अस्थायी आवास उपलब्ध कराया है, लेकिन वह पिछले दो साल से बंद है और अब मरम्मत के दौर से गुजर रहा है।