ऑपरेशन शिवा के तहत भारतीय सेना ने अमरनाथ यात्रा 2025 को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए एक व्यापक सुरक्षा अभियान शुरू किया है। यह विशेष ऑपरेशन नागरिक प्रशासन और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) के सहयोग से संचालित हो रहा है।
इस बार यात्रा 3 जुलाई से 9 अगस्त तक चलेगी और इसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होंगे। यात्रा दो मुख्य मार्गों से होती है – 48 किलोमीटर लंबा पारंपरिक नुनवान-पहलगाम मार्ग और कठिन 14 किलोमीटर लंबा बालटाल मार्ग। दोनों रूट्स पर 24×7 निगरानी रखी जा रही है, जहां 8,500 से अधिक सैनिक तैनात हैं।
पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों से खतरे को देखते हुए सेना ने काउंटर-यूएएस सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर यूनिट्स, ड्रोन और हाई-रिजोल्यूशन कैमरे जैसे अत्याधुनिक उपकरण तैनात किए हैं। जम्मू से लेकर पवित्र गुफा तक यात्रा काफिलों की रीयल-टाइम ट्रैकिंग की जा रही है।
सुरक्षा के साथ-साथ आपदा प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। 150+ डॉक्टर, 100-बेड अस्पताल, 26 ऑक्सीजन बूथ, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र और 2 लाख लीटर ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है। इंजीनियर टास्क फोर्स पुल निर्माण और रास्ता चौड़ा करने में लगी है, वहीं बम निरोधक दस्ते, बुलडोजर, और आपातकालीन राशन भी तैयार रखा गया है।
हेलिकॉप्टर, क्यूआरटी, सिग्नल यूनिट और टेंट सिटी समेत ग्राउंड और एयर फोर्स की रणनीतिक तैनाती यह दिखाती है कि सेना श्रद्धालुओं की आस्था और सुरक्षा दोनों को लेकर पूरी तरह संकल्पित है।