अहमदाबाद, 12 जून 2025: एयर इंडिया AI-171 क्रैश ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर उड़ान भरने के महज 30 सेकंड बाद ही बी.जे. मेडिकल कॉलेज हॉस्टल परिसर पर गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हादसे में 241 यात्रियों और चालक दल के 19 ग्राउंड कर्मियों की मौत हो गई। सिर्फ एक यात्री जीवित बचा, जिससे यह हादसा और भी भयावह बन गया।
‘कटऑफ’ स्विच बना रहस्य
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट ने हादसे के कारणों की ओर इशारा किया है। उड़ान के कुछ ही सेकंड बाद दोनों ईंधन नियंत्रण स्विच एक के बाद एक ‘रन’ से ‘कटऑफ’ में चले गए। यह स्थिति सामान्यतः लैंडिंग के बाद या आपातकाल में उपयोग होती है। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में दर्ज बातचीत में एक पायलट ने पूछा, “तुमने कटऑफ क्यों किया?” जवाब मिला, “मैंने नहीं किया।”
क्या थी तकनीकी गड़बड़ी?
पायलटों ने कटऑफ के 10 सेकंड के भीतर इंजनों को दोबारा शुरू करने की कोशिश की। एक इंजन में कुछ शक्ति लौटी, लेकिन दूसरा पूरी तरह फेल हो गया। हादसा इतना त्वरित था कि प्रतिक्रिया के लिए पर्याप्त समय ही नहीं मिला।
विशेषज्ञों का मानना है कि इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट में गड़बड़ी के चलते स्विच अपने आप कटऑफ हो गए हो सकते हैं। 2018 में FAA ने ऐसे ही एक डिज़ाइन दोष पर चेतावनी जारी की थी, लेकिन यह वैकल्पिक थी और Air India ने इसका पालन नहीं किया।
आगे की जांच
हालांकि अभी तक बोइंग 787 या उसके GE Genx-1B इंजन में कोई यांत्रिक दोष नहीं पाया गया है, पर सभी तकनीकी पहलुओं की गहन समीक्षा की जा रही है। ब्लैक बॉक्स, फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर, और मलबे का विश्लेषण अभी जारी है। बोइंग और GE ने सहयोग की बात कही है, लेकिन 787 ऑपरेटरों के लिए कोई नया दिशानिर्देश जारी नहीं किया गया।