दिल्ली सरकार ने ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। पर्यावरण एवं उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने सोमवार को ऐलान किया कि अगस्त 2025 से हरित श्रेणी के उद्योगों के संचालन की सहमति (CTO) के आवेदन अगर 20 दिन में निपटाए नहीं गए, तो उन्हें स्वतः स्वीकृत मान लिया जाएगा। पहले यह प्रक्रिया 120 दिन में पूरी होती थी।
इस नई व्यवस्था से 65 से अधिक हरित श्रेणी के उद्योग, जैसे कि बिना रंगाई वाले परिधान, एल्यूमीनियम उत्पाद, आयुर्वेदिक निर्माण, फर्नीचर, खिलौने, पैकेजिंग और कोल्ड स्टोरेज जैसी यूनिट्स को सीधा फायदा मिलेगा। सिरसा ने इसे दिल्ली के व्यावसायिक तंत्र में एक “ऐतिहासिक पुनर्निर्धारण” बताया और कहा, “यह सिर्फ सुधार नहीं, बल्कि यह संदेश है कि दिल्ली अब ज़िम्मेदार व्यापार के लिए तैयार है।”
मंत्री ने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को इस कदम को समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने इसे “डबल इंजन सरकार” की बड़ी उपलब्धि करार दिया।
अब दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) अगर समय पर आवेदन का निपटान नहीं करती है, तो मंजूरी अपने आप मिल जाएगी—बिना अतिरिक्त कागजी कार्रवाई के। सिरसा ने कहा कि इस पहल से छोटे और मध्यम उद्यमों को नौकरशाही अड़चनों से मुक्ति मिलेगी और विश्वास आधारित, समयबद्ध मंजूरी प्रणाली लागू होगी।