बालोद :—जैन धर्म के तेवीसवे तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथजी के 2900 वें जन्म कल्याणक के अवसर पर 800 एवं 900 रुपये मूल्य वर्ग के रजत धातु के सिक्के व डाक टिकट जारी किये गये।
भगवान पार्श्वनाथ का जन्म पौष कृष्ण 10/11 को वाराणसी में इक्ष्वाकु वंश के राजा अश्वसेन और रानी वामादेवी के घर हुआ था। भगवान पार्श्वनाथ जी का निर्वाण 100 वर्ष की आयु में एक महीने का अनशन करते हुए श्रवण शुक्ल 7/8 को सम्मेद शिखर जी पर हुआ था।
राजस्थान के जोधपुर स्थित भोपालगढ़ ओस्तरा के श्री सर्वतोभद्र तीर्थ पर 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ भगवान के 2900वें जन्म कल्याणक एवं 2800वें मोक्ष कल्याणक वर्ष पर श्री पार्श्व पद्मावती जिनालय महाबलीपुरम तीर्थ न्यास, नई दिल्ली एवं श्री ओस्तरा पार्श्वनाथ जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक ट्रस्ट के तत्वावधान में भारत सरकार द्वारा जारी दो स्मारक चांदी के सिक्कों व दो स्मारक डाक टिकटों का भव्य विमोचन समारोह में जैनाचार्यश्री जिन पीयूषसागर सूरीश्वरजी म.सा. की उपस्थिति में मुख्य अतिथि सम्माननीय श्री थावर चंद गहलोत राज्यपाल, कर्नाटक द्वारा 25 दिसंबर को किया गया।इस पुनीत कार्य में महाबलीपुरम तीर्थ न्यास के अध्यक्ष एवं जैनिज़्म फ़िलेटलिक सोसाइटी के वरिष्ठ सदस्य ललितजी नाहटा दिल्ली का योगदान सराहनीय रहा।
यह दिन भारतीय मुद्रा जगत के इतिहास के सुनहरे पन्नों पर हमेशा के लिए अंकित हो गया जब पहली बार 800 एवं 900 रुपये मूल्य वर्ग के 40 ग्राम शुद्ध रजत धातु के मुंबई टकसाल द्वारा सर्वथा अनूठे सिक्के जारी किए गये।साथ ही दो आकर्षक डाक टिकट भी जारी किये गये।यह सिक्के अपनी श्रेणी में असाधारण होंने के कारण सभी मुद्रा संग्राहकों के संग्रह में अपना स्थान अवश्य बनाएँगे।उपरोक्त जानकारी जैनिज़्म फ़िलेटेलिक सोसाइटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ प्रदीप जैन ने दी।