झारखंड: गढ़वा जिला मुख्यालय में दो अलग-अलग निजी क्लीनिकों में प्रसव के बाद दो गर्भवती महिलाओं की मौत से हड़कंप मच गया। परिजनों ने डॉक्टरों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया, जिसके बाद दोनों अस्पतालों में पुलिस बल की तैनाती करनी पड़ी। घटनाओं ने जिले में निजी अस्पतालों की इलाज व्यवस्था और सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने दोनों मामलों की जांच शुरू कर दी है।
पहला मामला : गढ़वा सेवा सदन क्लिनिक
सदर थाना क्षेत्र के अन्नराज नवाडीह गांव की रहने वाली जैतून बीबी को प्रसव के लिए गढ़वा सेवा सदन नामक निजी क्लिनिक में भर्ती कराया गया था। परिजनों के अनुसार, जैतून ने सफलतापूर्वक बच्चे को जन्म दिया, लेकिन कुछ ही समय बाद उसकी मौत हो गई। परिवार का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण उसकी जान गई। घटना के बाद क्लिनिक में भारी हंगामा हुआ। हालात काबू में करने के लिए पुलिस को मौके पर बुलाना पड़ा। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
दूसरा मामला : मिलाप सेंटर
दूसरी घटना शहर के चिनियां रोड स्थित मिलाप सेंटर में हुई। नगर उंटारी प्रखंड के कोलझीकी गांव की ऊषा देवी की इलाज के दौरान मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक, ऊषा देवी का प्रसव नगर उंटारी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हुआ था। प्रसव के बाद तबीयत बिगड़ने पर उन्हें मिलाप सेंटर में भर्ती कराया गया। मृतका के पति उमेश विश्वकर्मा ने आरोप लगाया कि प्रसव के बाद पत्नी को लगातार चक्कर आ रहे थे। इलाज के दौरान उनकी मौत हो चुकी थी, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें पंप करके जिंदा दिखाया और डाल्टनगंज ले जाने की सलाह दी।
जांच का आश्वासन
इन घटनाओं पर सिविल सर्जन डॉ. जॉन केनेडी ने कहा कि उन्हें अभी पूरे मामले की जानकारी नहीं है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग जांच करेगा। उन्होंने कहा, “हम इन्वेस्टिगेट कर रहे हैं और देखेंगे कि असल में मामला क्या है।”
दोनों घटनाओं के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है और निजी अस्पतालों में प्रसव से जुड़े इलाज की गुणवत्ता को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त जांच के बाद ही मौत के असली कारण स्पष्ट हो पाएंगे।